ये हैं एक सदाबहार पहाडी भजन " किले रे कदावणे जोलो पाणी रे दीवे नारणा, पूजा कोरणे बिजटो रे" के रचयिता एवं आकाशवाणी से गाने वाले चेवडी गांव के स्वर्गीय श्री रत्तीराम जी। आज लोकनृत्य का शुभारंभ इसी भजन से होता है। इनके साथ एक और इतिहास भी जुडा है। डा० परमार के अकेलेपन को दूर करने के लिए, सत्या डांग को सत्या परमार बनाना, इनके ही प्रयासों का परिणाम था। रत्तीराम जी हंसमुख व्यक्तित्व के मालिक थे। वे रेणुका से एमएलए के लिए आजाद उम्मीदवार भी खडे हुए थे। करयाला के भी कलाकार थे।
https://www.facebook.com/sherjang.chauhan
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