युवा कवि दिलीप वशिष्ठ -- श्रीकांत अकेला

पहाड़ में कविता और कविता में पहाड़ का कर्मयोगी ..एक सशक्त हस्ताक्षर ...युवा कवि दिलीप वशिष्ठ ..
काव्य और साहित्य जगत में युवा कवि दिलीप वशिष्ठ हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर के अति दुर्गम क्षेत्र गिरीपार के एक ऐसे कवि और साहित्यकार हैँ ज़िनकी कलम में एक और जहां पहाड़ की वेदना ,पृष्ठभूमि और पहाडों की धारों में कविता जन्म लेती हैँ वही दूसरी और उन की लेखनी में प्रकृति की संवेदना ,आत्म मन्थन .दार्शनिकता ,समाज के मनोभाव और पहाड़ के प्रति अगाध प्रेम ,आत्मिक सौन्दर्य ,मानवता ,सत्य
यह दर्शाता हैँ कि कविता और साहित्य के प्रति इन का लगाव इन के रग रग में समाया हुवा हैँ और साहित्य जगत में इतनी कम उम्र में इनके प्रशंसक काफी बढते जा रहे हैँ और इन की लेखनी की धार पहाडों की ऊँचाई की भांति नित नयें आयाम तय कर रही हैँ .प्रकृति के चितेरे युवा कवि दिलीप वशिष्ठ का काव्य उदभव पहाडों की बेहद विषम परिस्थितियों में हुवा हैँ और बहुत कम उम्र में ज़िन्दगी को सभी परिस्थितियों में जीने का जज्बा भी रखते हैँ यही नहीं समस्त लोक परम्पराओं का निर्वहन करके अनेकों लोक गीतों का स्वलेखन और उन को विसुद्ध एवं कर्ण प्रिय संगीत में बांधने का गुण इन्हे सरस्वती के वरदपुत्र होने का हमे आभास दिलाता हैँ यू टूब पर भी इन के लोक संगीत उपलब्ध हैँ एक आदर्श वक्ता और मंच संचालक के रूप में भी इन की अपनी विशिष्ट पहचान रही हैँ कई बार हम ये मानते हैँ कि हर जगह कवि का छपना उसकी परिपक्वता हैँ लेकिन यह सम्पूरण सत्य नहीं हैँ कवि का यथार्थ के धरातल पर भी काम करना उससे ज्यादा महत्वपूर्ण हैँ और यही कथन युवा कवि दिलीप जी पर सटीक बैठता हैँ राज्यस्तर पर और राष्ट्र स्तर पर सक्रिय यह युवा कवि बेहद साधारण स्वरूप में एक असाधारण व्यक्तित्व का धनी हैँ और हमारे पहाडों और हम पहाडियों के लिये यह गर्व का विषय हैँ शंखनाद मीडिया दिलीप जी जैसे व्यक्तित्व का सदेव सम्मान करता हैँ और करता रहेगा ..............श्रीकांत अकेला
सम्पादक शंखनाद मीडिया हि .प्र.

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