ये
हैं पझोता आंदोलन के सूरमां जो राजा से भिड़ गए थे और अंग्रेजों की 1700
गोलियां खाई थी। आज इन में से कोई भी हमारे साथ नहीं। 59 आंदोलनकारी 5 साल
तक जेल की यातनाएं सहते रहे। यदि भारत आज़ाद न होता तो दी गई उम्रभर की कैद
काट की है घर आते यदि इस दौरान भगवान को प्यारे न हो जाते। यूँ भी तीन चार
साथी तो जेल में ही शहीद हो गए थे।
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